SEBI का एक्शन! कोलकाता, मुंबई में ब्रोकर्स के ठिकानों पर छापेमारी; फ्रंट रनिंग मामले में कार्रवाई
SEBI raids brokers in Kolkata, Mumbai: सूत्रों का कहना है कि सेबी ने जिन कंपनियों पर छापेमारी की है, उन्हें FPI ट्रेड्स की एडवांस जानकारी थी और वे उसके आधार पर ट्रेड कर रहे थे.
(Image: Reuters)
(Image: Reuters)
SEBI raids brokers in Kolkata, Mumbai: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) के फ्रंट रनिंग ट्रेड्स मामले में बड़े मार्केट ऑपरेटर्स की 6 कंपनियों पर छापेमारी की है. सेबी की ओर से यह कार्रवाई कोलकाता में 5 और मुंबई से 1 ब्रोकर के ठिकानों पर की गई. सूत्रों ने जी बिजनेस को यह जानकारी दी है. मार्केट रेगुलेटर ने यह कार्रवाई पिछले सप्ताह की. सूत्रों के मुताबिक, सेबी का मानना है कि इन संस्थाओं के पीछे वो मार्केट ऑपरेटर हो सकते हैं, जिन्हें पहले रेगुलेटर की गंभीर कार्रवाई का सामना करना पड़ा है और वे मार्केट में ट्रेड करने के लिए बेनामी तरीके इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि सेबी के पास इन ब्रोकर्स और कंपनियों के बारे में जानकारी और शुरुआती साक्ष्य थे कि वो FPIs ट्रेड की फ्रंट रनिंग में शामिल हैं. दरअसल, फ्रंट रनिंग पहले से एडवांस्ड नॉन-पब्लिक प्राइस सेंसेटिव जानकारी पर ट्रेडिंग है.
FPI ट्रेड्स की थी एडवांस जानकारी
सूत्रों का कहना है कि सेबी ने जिन कंपनियों पर छापेमारी की है, उन्हें FPI ट्रेड्स की एडवांस जानकारी थी और वे उसके आधार पर ट्रेडिंग कर रहे थे. इस बारे में सेबी को भेजे गए मेल के जवाब का इंतजार है.
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
इंस्टीट्यूशंस के बड़े Buy-Sell ऑर्डर की एडवांस इन्फॉर्मेशन हमेशा एक अहम जानकारी होती है क्योंकि बड़ी मात्रा में इन इंस्टीट्यूशंस के ट्रेड कीमतों को बढ़ा सकते हैं. फ्रंट रनिंग इक्विटी ट्रेड, ऑप्शन, फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट, डेरिवेटिव्स या सिक्युरिटीज स्वैप, पेंडिंग ट्रांजैक्शन की नॉन-पब्लिक जानकारी के जरिए ट्रेड करने से है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
10:34 AM IST